रुड़की। ( बबलू सैनी ) सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खानपुर की ओर से बृहस्पतिवार को नेशनल कन्या इण्टर कॉलेज, खानपुर में नेत्रदान पखवाड़े का आयोजन किया गया जिसमें छात्र-छात्राओं तथा शिक्षकों ने हिस्सा लिया।
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. धीरेन्द्र कुमार ने छात्रों को बताया कि नेत्रदान से बढ़कर दुनिया में कोई दान नहीं है। क्योंकि एक मृत व्यक्ति दो अन्धे व्यक्तियों की आँखों में रोशनी पैदा करने का काम कर सकता हैं। उन्होंने बताया कि मृत्यु के उपरान्त चार से 8 घंटे के भीतर नेत्रदान करने वाले व्यक्ति की मृत्योपरान्त स्वास्थ्य विभाग को उसके परिजनों द्वारा सूचना दी जाती हैं। वहाँ से टीम आकर मृतक की आँखों का कॉर्निया निकालकर ऐसे व्यक्तियों की आंखों में ट्रान्सप्लान्ट करती है, जिनका कॉर्निया खराब हो चुका होता है। इस प्रकार एक व्यक्ति मरने के बाद दो लोगों की आंखों में रोशनी पैदा कर सकता हैं। प्रधानाचार्य डॉ. घनश्याम गुप्ता ने कहा कि समाज में एक बहुत बड़ी भ्रान्ति फैली हुयी है कि मरने के बाद मृत व्यक्ति की पूरी आँख निकाल ली जाती है, जिसे समाज में अशुभ माना जाता है। ऐसा नहीं है। नेत्रदान करने वाले व्यक्ति की मृत्यु के बाद केवल आँख मंे स्थित कार्निया ही निकाला जाता है पूरी आँख नहीं। उन्होंने कहा कि माता-पिता की सहमति से छात्र-छात्राऐं भी नेत्रदान कर सकते है। नेत्रदान पखवाड़े में नेत्रदान के प्रति ग्रामीणों को अधिकाधिक संख्या में जागरूक करने का आहवान किया। इस अवसर पर बलराम गुप्ता, प्रमोद कुमार शर्मा, रविन्द्र कुमार, मुकेश कुमार, मीनू यादव, सविता धारीवाल, विजय कुमार, पंकज कुमार, मिनाक्षी, पारस चौधरी, गायत्री, सुलता देवी सिकदार, अंजुली गुप्ता, बबीता देवी, संजय गुप्ता, सुधा रानी, कुशमणि चौहान, रंजना, अखिल वर्मा, रूबी, नूतन, अमित गर्ग, विशाल भाटी, ओमपाल सिंह, बृजपाल, सुन्दर, जावेद आदि मौजूद रहे।