रुड़की। ( बबलू सैनी ) सरस्वती विद्या मन्दिर, रुड़की में 76वाँ स्वतंत्रता दिवस ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के रुप में हर्षोल्लास एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ मनाया गया। जगदीप चौहान (प्रबंध निदेशक, एप्रो ग्लोबल लि0) रामेश्वर प्रसाद कुलश्रेष्ठ (उपाध्यक्ष), डॉ. रजत अग्रवाल (प्रबंधक), सतीश शर्मा (कोषाध्यक्ष), प्रमोद गोयल सदस्य, मनमोहन शर्मा सदस्य, अमरदीप सिंह प्रधानाचार्य एवं पूर्व सैनिको ने ध्वजारोहण कर एवं मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारम्भ सरस्वती वंदना से किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम की श्रृंखला में आजादी का अमृत महोत्सव गीत, नृत्य नाटिका, भारत माता स्तुति, योग प्रस्तुति एवं 75 छात्र-छात्राओं ने विभिन्न महापुरुषों-वीरंागणाओं का रुप धारण कर कार्यक्रम में अनूठी छाप छोडी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जगदीप चौहान (निदेशक, एप्रो इन्वर्टर कम्पनी) ने सभी देशवासियों को एकजुट होने का आहवान किया। स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान, स्वतंत्रता का महत्व तथा आधुनिक भारत के निर्माण में नागरिकों तथा छात्रों के योगदान के महत्व को बताते हुए कहा कि एकता, अखण्डता, सजगता, जागरुकता और देशभक्ति की भावना के साथ हमें अपने देश को सर्वोच्च शिखर पर ले जाना है। उपाध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद कुलश्रेष्ठ ने कहा कि दुनिया में भारतीय ज्ञान विज्ञान का विशेष योगदान रहा है। युवा शक्ति युवा भारत के निर्माण में अपना योगदान देकर राष्ट्र को नये शिखर पर ले जाकर नित नये कीर्तिमान रच सकती है। प्रबंधक डॉ. रजत अग्रवाल ने कहा कि छात्रों को स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान, स्वतंत्रता का महत्व तथा आधुनिक भारत के निर्माण में नागरिकों तथा छात्रों का योगदान आवश्यक है। विद्यालय के प्रधानाचार्य अमरदीप सिंह ने छात्रों को स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान, स्वतंत्रता का महत्व तथा देश को स्वतंत्र कराने के लिए जिन सपूतो ने बलिदान दिया, उन्हें याद करने का यह दिन है। इस अवसर पर विद्यालय द्वारा कैप्टन महेश रनकोटि, कैप्टन दौलत सिंह, कैप्टन परमहंस, नायब सूबेदार दरबान सिंह नेगी, नायब सूबेदार धीरज सिंह रावत, हरज्ञान चंद, विजय प्रकाश को सम्मानित किया गया। 76वें स्वतंत्रता दिवस पर मोहन सिंह मटियानी उप-प्रधानाचार्य, कलीराम भट्ट उप-प्रधानाचार्य, शमा अग्रवाल, जसवीर सिंह पुंडीर, आशुतोष शर्मा एवं समस्त शिक्षक-शिक्षकायें तथा अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।