रुड़की। ( बबलू सैनी ) आज रा.उ.मा.वि. बिझौली में विश्व संस्कृत दिवस के मौके पर कार्यक्रम संयोजक शिक्षक अशोक पाल सिंह द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उन्होंने संस्कृत भाषा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संस्कृत भाषा मधुर देववाणी एवं विश्व की प्राचीनतम भाषा हैं। विदेशी लोग भी भारत में संस्कृत सीख रहे हें। कई विश्व विद्यालय एवं संस्था प्रचार-प्रसार का रही हैं। इनमें यू.के.मू. विश्व विद्यालय, संस्कृत विश्व विद्यालय हरिद्वार, संस्कृत अकादमी हरिद्वार, यहां संस्कृत भाषा को दूसरा दर्जा प्राप्त हैं। साथ ही बताया कि उत्तराखण्ड के प्रत्येक जनपद में एक ग्राम पंचायत में एक संस्कृत ग्राम चुना गया हैं, जिनमें मुंडियाकी हरिद्वार में शामिल हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य नीरज नैथानी ने कहा कि संस्कृत भाषा र्वैज्ञानिक, व्याकरण एवं श्लोक प्रमाणिक हैं। सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामयाः सभी सुखी होे, किसी को कोई दुःख न हो। इस मौके पर डॉ. कमलकांत बरवा, इसराना, सुधीर सैनी, जितिन शर्मा, अतुल, अमन, विकास, अभिषेक, सानिया, सलूनी, नूर बानो आदि ने संस्कृत भाषा विकास सीखने का प्रयास किया और इसके सीखने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि प्रत्येक सप्ताह संस्कृत महोत्सव मनाया जायेगा। वह छात्रों को व्यवहारिक संस्कृत ज्ञान देने के लिए प्रयासरत् हैं।