रुड़की। ( बबलू सैनी ) सोमवार को अपने बकाया गन्ना भुगतान की मांग को लेकर हरियाणा के किसान इकबालपुर मिल में पहंुचे और धरना शुरू कर दिया था। इस कार्यक्रम में पहंुचे किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हरियाणा के किसानों का मिल पर बकाया चल रहा हैं। लेकिन किसानों की संख्या बेहद कम होने के कारण वह परेशान दिखाई दिये और कहा कि भुगतान तुरंत दिया जाये। इस दौरान उन्होंने स्थानीय किसानों की अनदेखी की और हरियाणा के किसानों के भुगतान को तरजीह दी। जबकि स्थानीय किसानों का 115 व हरियाणा का 35 करोड़ रुपये मिल पर बकाया चल रहा हैं। अपने संबोधन में टिकैत बार-बार हरियाणा के किसानों के भुगतान को लेकर मैनेजमेंट पर दबाव बना रहे थे। टिकैत की यह भेदभावपूर्ण कार्यशैली देखकर स्थानीय लोग भड़क गये। इस दौरान स्थानीय लोगों ने कहा कि टिकैत के क्षेत्र मे किसानों का शुगर मिलों द्वारा 10 फरवरी तक का भुगतान दिया गया हैं, जबकि हरिद्वार जनपद की सभी शुगर मिलें 15 अप्रैल तक का गन्ना भुगतान कर चुकी हैं। यही नहीं टिकैत बार-बार हरियाणा में पोपुलर बेचने को लेकर धमकी देते रहे तथा स्थानीय व हरियाणा के किसानों को आपस में भिड़ाकर वाहवाही लूटना चाहते थे। यह देखकर स्थानीय किसान भी हो-हल्ला करने लगे और उन्होंने कहा कि टिकैत की दुकान अब नहीं चलेगी। उन्होंने यहां के किसानों को दलाल बताया, जबकि यहां के किसानों ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर का दलाल बताया। तीसरे दौर की बात में मिल प्रबन्धन व हरियाणा के किसानों के बीच समझौता हो गया, जिसमें मिल प्रबन्धन द्वारा उन्हें अवगत कराया गया कि 31 मार्च 2023 तक वह 15 करोड़ का भुगतान कर देंगे तथा दस करोड़ का भुगतान ओवर ब्रिज बनाने में जा रही जमीन से किया जायेगा। इस प्रकार हरियाणा के किसानों को 25 करोड़ का भुगतान होगा और बाकी रकम भी बाद में दी जायेगी। इस संबंध में उनके द्वारा मिल की ओर से चैक भी दिये गये। इसके बाद देर शाम किसानों ने अपना धरना समाप्त कर लिया, लेकिन समझौते के बाद वह मिल परिसर में रुकने की मांग करते रहे। वहीं थानाध्यक्ष द्वारा स्थानीय किसानों की मंशा भांप ली गई कि कहीं रात्रि में इनके साथ कोई घटना न हो जाये, इसे देखते हुए उन्होंने मिल परिसर को रात में ही खाली करा दिया। चर्चा है कि मंगलौर गुड मंडी में उक्त किसानों ने अपनी रात बिताई।