रुड़की। ( बबलू सैनी ) 27 जुलाई की सुबह भाजपा नेता व मत्स्य बोर्ड के अध्यक्ष अशोक वर्मा के ‘व्हाइट हाउस’ बिल्डिंग में इमरान नामक युवक का शव मिला था। इस मामले में मृतक के परिजनों ने अशोक वर्मा और उसके साथियों पर हत्या करने का आरोप लगाते हुए गंगनहर थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले मंे गंगनहर पुलिस ने तीन लोगों को पूर्व में जेल भेज दिया था, जबकि उक्त भाजपा नेता अशोक वर्मा राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस पकड़ से बाहर चल रहा हैं। पुलिस जांच में सामने आया कि फरार अशोक वर्मा के पुत्र रिजुल वर्मा व एक अन्य वीरेन्द्र सैनी नामक व्यक्ति की भी संलिप्तता सामने आई थी। इस संबंध में मीडिया से बातचीत के दौरान लोजमो संयोजक सुभाष सैनी ने कहा कि आखिर क्या कारण है कि इस कांड के मुख्य आरोपी भाजपा नेता अशोक वर्मा को पुलिस द्वारा इतनी छूट क्यों दी जा रही हैं। जो अभी तक वह पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ पाया। उन्होंने कहा कि भाजपा के एक नेता भी उन्हें पार्टी में न होने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सूबे के मंत्री डॉ. धन सिंह रावत से आरोपी अशोक वर्मा के प्रगाढ़ संबंध हैं। यह सर्वविदित भी हैं। व्हाइट हाउस में इमरान को मारा गया या खुद मरा, यह जांच का विषय हैं। इस मौत के केंद्र में अशोक वर्मा मुख्य आरोपी हैं। क्या अशोक वर्मा का शासन में बड़ा दखल हैं, जो पुलिस उस पर हाथ डालने से कतरा रही हैं। उनकी गिरफ्तारी न होने के कारण पुलिस की कार्यशैली संदेह के घेरे में हैं। इस मामले में जो तीन लोग जेल गये हैं, उनके परिजनों का कहना है कि उन्हें अशोक वर्मा के पास बैठने की यह सजा मिली हैं। इस हत्याकांड का मुख्य करता-धर्ता अशोक वर्मा व उसका पुत्र ही हैं। लोजमो संयोजक व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुभाष सैनी ने कहा कि यदि इस कांड के मुख्य आरोपी अशोक वर्मा की जल्द गिरफ्तारी नहीं हुई, तो जल्द ही उनका मोर्चा अपना विरोध प्रकट करेगा। उन्होंने सूबे के डीजीपी अशोक कुमार से मांग की कि इस हत्याकांड में नामजद आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाये। बहरहाल कुछ भी हो, परिजनों को जब इंसाफ नहीं मिल पाया, तो इस कांड की गुत्थी सुलझाने के लिए सामाजिक संगठनों को सामने आना पड़ा। फिलहाल इमरान की मौत की सुई अशोक वर्मा के इर्द-गिर्द घूम रही हैं। उनके पकड़े जाने के बाद ही इस घटना से पर्दा उठ सकेगा कि इमरान की मौत के पीछे का सच क्या है?