रुड़की। ( बबलू सैनी ) श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में मंगलवार तीसरे दिन भी कालसर्प दोष पूजन किया गया।
श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में तीसरे दिन कालसर्प दोष पूजन का आयोजन विधि-विधान के साथ मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित रामगोपाल पराशर द्वारा किया गया। मंदिर के मुख्य पुजारी रामगोपाल पराशर ने बताया कि श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। पौराणिक काल से नाग पंचमी की तिथि पर नागदेव की पूजा की जाती है, क्योंकि पंचमी तिथि के स्वामी नाग हैं। नाग पंचमी के दिन विधि-विधान से नागों की पूजा होती है। सावन का महीना चल रहा है और सावन के महीने में भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा-आराधना की जाती है। नाग देवता भगवान शिव की गले की शोभा बढ़ाते हैं। ऐसे में नाग पंचमी के दिन नागों की उपासना का विधान है। मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने पर कुंडली में मौजूद कालसर्प और राहु दोष दूर हो जाता है। इसके अलावा जीवन के सभी पाप भी नष्ट हो जाते हैं। इस बार नाग पंचमी पर कई शुभ योग बन हुआ है। ऐसे में नाग पंचमी के अवसर पर भगवान शिव के साथ नाग देवता की पूजा करने पर सभी तरह के सुख की प्राप्ति की जा सकती है। इस अवसर पर मंदिर सामिति अध्यक्ष सुभाष सरीन, प्रदीप परूथी, विजय सेठी, पंडित रामराज त्रिपाठी, लव कुश, भूमिक, सुदेश कुमार, सचिन, वरुणा, रोहित, मोहित, संदीप सैनी, योगेश सैनी, मोना सैनी आदि भक्तगण मौजूद रहे।