रुड़की। ( बबलू सैनी ) बीमित कार चलाते समय कार स्वामी की हत्या हो जाने को दुर्घटना मानते हुए जिला उपभोक्ता आयोग ने इंश्योरेंस कंपनी को आदेश दिया है कि वह एक माह के अन्दर बीमित कार पालिसी के सापेक्ष मृतक सुभाष चंद की पत्नी संयोगिता को 15 लाख रुपये मय 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज, क्षतिपूर्ति के रुप में पच्चीस हजार रुपये व वाद खर्च मय वकील फीस अंकन पच्चीस हजार रुपये यानि कुल साढ़े पंद्रह लाख रुपये का भुगतान करने का फैंसला सुनाया। उपभोक्ता मामलों के वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीगोपाल नारसन ने बताया कि चुड़ियाला महेश्वरी निवासी संयोगिता के पति सुभाष चंद ने अपने जीवन काल में घरेलू उपयोग के लिए एक महेंद्रा कार खरीदी थी, जिसका इंश्योरेंस 21 अक्टूबर सन 2019 से 20 अक्टूबर 2020 तक के लिए कराया हुआ था। कार की बीमित अवधि में 2 दिसम्बर सन 2019 को उक्त कार से घर से बाहर गया और रात में नही लौटा। अगली सुबह सहारनपुर देहरादून मार्ग पर परिवादिनी के पति सुभाष का शव कार की ड्राइविंग सीट पर मिला, जिसकी हत्या की गई थी। लेकिन बीमा कम्पनी ने उक्त दुर्घटना के बाद भी उक्त बीमा क्लेम देने से इंकार कर दिया। जिस पर जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत की गई। आयोग के अध्यक्ष कंवर सैन, सदस्य अंजना चड्ढा व विपिन कुमार ने बाद सुनवाई बीमित कार की वैधता अवधि में वाहन स्वामी व चालक की हत्या को दुर्घटना मानते हुए बीमा क्लेम दिए जाने का निर्णय आदेश दिया। जिसके तहत परिवादिनी संयोगिता को पंद्रह लाख रुपये मय 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज, क्षतिपूर्ति के रुप में पच्चीस हजार रुपये व वाद खर्च मय वकील फीस अंकन पच्चीस हजार रुपये यानि कुल साढ़े पंद्रह लाख रुपये का भुगतान करने का फैंसला सुनाया।