रुड़की। ( बबलू सैनी ) एक ओर जहां केंद्र व राज्य की सरकार किसानों की आय को दोगुना करने पर जोर दे रही हैं, वहीं दूसरी ओर कभी मौसम, तो कभी कीटनाशक के कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा हैं। अहम बात यह है कि भारत कृषि प्रधान देश हैं ओर यहां का किसान अपना व देश के लोगों का पेट पालने के लिए खेत में कड़ी मेहनत करता हैं। मौजूदा समय में महंगाई इतनी बढ़ी कि किसानों की कमर टूट गई। एक ओर जहां प्राकृतिक आपदाएं किसान को नुकसान पहंुचाती हैं, वहीं दूसरी ओर गलत कीटनाशक दवाई देने से एक किसान की फसल नष्ट होने का मामला प्रकाश में आया हैं। बताया गया है कि झबरेड़ा थाना क्षेत्र के गोकलपुर गांव के गरीब किसान प्रमोद पुत्र रामपाल के पास लगभग 15 बीघा खेती की भूमि हैं, जिसमें वह गन्ने के अलावा सब्जियों की खेती कर अपने परिवार की आजीविका चलाता है। पीड़ित किसान ने बताया कि उसने अपने खेत में तीन बीघा खीरा व करेले की फसल लगाई हुई थी। फसल पूरी तरह लगभग तैयार थी, तभी किसान को अपने खेत में एक सफेद मच्छर नामक बीमारी का आभास हुआ, इसे देखते हुए वह गुरूकुल नारसन झबरेड़ा रोड़ स्थित राजकुमार की दुकान पर पहंुचा तथा सम्ब्धित रोग बताकर दवाई दी और उसी के अनुसार छिड़काव भी किया। दुर्भाग्य यह रहा कि जैसे ही यह दवाई छिड़काव की गई, तो किसान की फसल नष्ट हो गई। इस पर किसान ने उक्त दुकानदार को जानकारी दी, तो वह बोला कि मुझसे गलत दवाई दी गई। तो किसान ने कहा कि अब तो मेरा नुकसान हो गया, इसकी भरपाई कैसे होगी? साथ ही दुकानदार ने पीड़ित किसान को हड़काया और कहा कि उसका कुछ बिगड़ने वाला नहीं हैं, जहां चाहे शिकायत करो। कृषि विभाग के अधिकारियों को भी इस बाबत सूचना दी गई। उन्होंने भी किसान को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। अब देखने वाली बात यह होगी कि कृषि विभाग पीड़ित किसान की क्या मदद करेगा? फिलहाल तो किसान का रो-रो कर बुरा हाल हैं।