रुड़की। ( बबलू सैनी )
खानपुर से बसपा प्रत्याशी रहे रविंद्र पनियाला ने उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष को पत्र सौंपकर खानपुर विधायक की सदस्यता रद्द करने की मांग की। उन्होंने कहा कि उमेश कुमार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े और जीते, लेकिन चुनाव जीतने के 1 माह के अंदर ही राजनीतिक दल में शामिल ही नहीं हुए बल्कि उस दल का स्वयं को राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया।
मालवीय चौक स्थित कार्यालय पर आयोजित पत्रकार वार्ता में बसपा प्रत्याशी रहे रविंद्र पनियाला ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने दल- बदल कानून बनाया था, जिसके तहत कोई भी किसी भी दल से या निर्दलीय जीते व्यक्ति उसी स्थिति में अपना कार्यकाल पूरा करेगा। जैसी स्थिति में चुनाव जीता हो। अगर राजनीतिक दल बदल होते हैं, तो उसके लिए एक तिहाई सदस्य होना जरूरी है और अगर कोई सदस्य अलग से अपना राजनीतिक दल बनाता है तो उसे कम से कम दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी। तभी कोई विधायक अपना दल बना सकता है। ऐसा न होने की स्थिति में किसी दल का सदस्य भी नहीं बन सकता। अगर ऐसा कोई भी सदस्य करता है तो उसकी सदस्यता रद्द मानी जाएगी। उन्होंने कहा कि उमेश कुमार निर्दलीय तौर पर चुनाव जीते थे और कानून के अनुसार निर्दलीय ही 5 वर्ष तक अपना कार्यकाल पूरा करना था, लेकिन उन्होंने 9 अप्रैल को एक कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें उन्होंने उत्तराखंड जनता पार्टी का गठन करना बताया और अपने आपको उसका राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया। साथ ही बताया कि जो पार्टी उन्होंने अब गठित होना बताई, वह पार्टी 2019 में गठित हो चुकी है और 2022 में उस पार्टी से प्रत्याशी ऋषिकेश ओर नरेंद्रनगर से चुनाव लड़े थे। उन्होंने आरोप लगाया कि उमेश कुमार ने संविधान के नियमों का उल्लंघन किया है। उनकी सदस्यता रद्द होनी चाहिए, अगर विधानसभा अध्यक्ष इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं करते तो, वह बसपा के बैनर तले विधानसभा का घेराव करेंगे और जरूरत पड़ी तो हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट जाने से भी पीछे नहीं हटेंगे।
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