रुड़की। ( बबलू सैनी ) वरिष्ठ भाजपा नेता व अधिवक्ता नवीन कुमार जैन एडवोकेटहसील कैम्प कार्यालय पर देश की स्वतंत्रता संग्राम के जांबाज क्रांतिकारी शहीद सुखदेव थापुर की 115वीं जयंती वर्ष पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर अधिवक्ताओं ने श्रद्धांजलि दी। जैन ने शहीद थापुर के राष्ट्रप्रेम का व्याख्यान करते हुए कहा कि शहीद सुखदेव का जन्म 15 मई 1907 को लुधियाना पंजाब में हुआ था। उनका लालन-पालन ताऊ व ताई ने किया था। शहीद देशभक्त सुखदेव ने लौहार नेशनल कॉलेज में शहीद भगत सिंह के साथ शिक्षा ग्रहण की। शहीद भगत सिंह की तरह ही देश की आजादी का सपना सुखदेव बचपन से पाले हुए थे। उन्होंने लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने की ठान ली और शहीद भगत सिंह व राजगुरु के साथ मिलकर लेफ्टिनेंट सांडर्स को मौत के घाट उतार दिया। इससे पूर्व सन् 1929 में अंग्रेजी हुकूमत के हुक्मरान द्वारा जेल में देशभक्त राजनीतिक कैदियों द्वारा अमानवीय व्यवहार के विरोध में की हड़ताल में बढ़-चढ़कर भागीदारी की। गांधी इरविन समझौते में शहीद सुखदेव ने अंग्रेजी में खुला खत लिखकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से कुछ गम्भीर सवाल खड़े किए थे, जिसकी एवज में शहीद सुखदेव थापुर व भगत सिंह व राजगुरु को 23 मार्च 1931 को जेल के फांसी सम्बन्धी नियमों को दरकिनार कर समय से पहले लाहौर सेंट्रल जेल में फांसी पर लटका दिया गया था। ऐसे कर्तव्य प्रायाम शहीद को नमन कर आज सीख लें कि देश व राष्ट्र सेवार्थ बढ़ -चढ़ कर भागीदारी कर राष्ट्रकर्तव्य निभाए। श्रद्धांजलि देने वालों में सुनींल गोयल एडवोकेट, सुधीर चौधरी मंडल भाजपा पदाधिकारी, अनुज आत्रेय, सचिन गोंड़वाल, सुजीत कुमार शर्मा, अनिल काण्डवाल, नरेश कुमार नागियांन, राजेश वर्मा, एडवोकेट अशोक कुमार आदि मौजूद रहे।