रुड़की।  ( बबलू सैनी ) आज ग्राम भूरना और नगला इमरती में युवा त्यागी जागृति संघ की बैठक आयोजित की गई। बैठक में गांव के युवाओं तथा बड़े बुजुर्गों ने भाग लिया। बैठक में वक्ताओं ने संगठन की मूल विचारधारा को समाज के समक्ष रखा। जिसमें मुख्य रुप से समाज में चल रही एकता की कमी को सभी के सामने रखा। सभा में उपस्थित सभी लोगों ने संकल्प लिया कि त्यागी समाज अब हर समय अपनी एकता का परिचय देते हुए अपने समाज के बंधुओ के समक्ष सदैव तत्पर रहेगा। स्वामी जी ने सभी से आग्रह करते हुए कहा कि तेहरवी में मृत्यु भोज में बनने वाले नाना प्रकार के व्यंजन मिष्ठान आदि को न बनाकर, केवल दाल चावल तक ही सीमित रखा जाए। इससे समाज में आर्थिक लाभ होगा और एक बहुत ही अच्छा संदेश त्यागी समाज द्वारा प्रसारित होगा। त्यागी समाज में जो भी आर्थिक रुप से कमजोर होने की वजह से शिक्षा ग्रहण करने में असमर्थ हैं। उनको शिक्षा प्राप्त करने के लिए त्यागी युवा जागृति संघ शिक्षा का सभी खर्च वहन करेगा और उन विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य के लिए हर संभव प्रयास करेगा। त्यागी समाज के जितने भी गांव हैं, उनमें से जो भी भाई/बहन आर्थिक रुप से कमजोर होने की वजह से अपना घर ठीक नहीं करवा सकते, उनकी त्यागी युवा जागृति संघ तन-मन-धन से सदैव साथ खड़ा रहेगा और हर संभव प्रयास करेगा। प्रत्येक माह में एक बार सभी त्यागी समाज के गांव में ब्लॉक स्तर और तहसील स्तर के अधिकारियों का एक कैंप त्यागी युवा जागृति संघ द्वारा आयोजित कराया जायेगा। जिसमंे गांव के सभी व्यक्ति अपने समस्याओं से संबंधित कार्य गांव में ही करा सकें और उनको बार-बार सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इससे समाज के व्यक्तिों को आर्थिक रुप से लाभ होगा और समय की भी बचत होगी। साथ ही सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में भी वह जागरूक हो सकेंगे। किसी भी तरह की कोई समस्या होने पर त्यागी युवा जागृति संघ सदैव तत्पर रहेगा। बैठक में मोलना, इकबालपुर, तांशीपुर, मुण्डेट,  उल्हेडा, कुआहेडी और रुड़की से बड़ी संख्या में समाज के लोग एकत्रित हुए। बैठक में समाज के लोगों में एक नया उत्साह और एक नई ऊर्जा का संचार देखा गया। गांव के ही प्रबुद्धजन ने युवा समाज को तन मन धन से संगठन को विस्तारित तथा समाज को एकजुट करने के लिए अपना हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया तथा समाज के उत्थान व समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने की सभी ने शपथ ली। वहीं स्वामी हंसानंद ने कहा कि हर गांव में 10 लोगों का एक समूह बनाया जाऐगा, जो गांव की सुख -दुख की जानकारी देगा।

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