रुड़की। ( बबलू सैनी )
वास्तव में भगवान के प्रति सच्ची श्रद्धा ओर भक्ति वही होती है, जो दूसरों को बिना कष्ट पहुंचाये की जाती हो और भगवान भी उसी भक्ति और निष्ठा पर प्रसन्न होते है और मनवांछित फल देते हैं। लेकिन इस चुनाव में देवी माँ किसे मनवांछित फल प्रदान करेगी, यह तो भविष्य के गर्भ में हैं, लेकिन हां इतना जरूर है कि इस चुनाव में देवी माँ एक नेता का सुख-चैन जरूर हर लेगी।
यह कथन इसलिए सच हो रहा है, क्योंकि इससे जुड़ा एक मामला चुनाव से मिलता-जुलता दिख रहा है। वैसे तो शहर भर में चर्चाओं का बाजार गर्म है, लेकिन आज भगवा कपड़ों में नामांकन दाखिल करने गए निर्दलीय उम्मीदवार नितिन शर्मा काफी चर्चाओं में रहे। नितिन शर्मा भाजपा से टिकट के दावेदार थे, लेकिन हाईकमान की ओर से उन्हें नजरंदाज कर दिया गया। जिसके बाद उन्होंने घड़ियाली आंसू भी बहाये, लेकिन वह भी काम न आ सके ओर अंततः नितिन शर्मा ने आज भगवा कपड़ों में निर्दलीय ही नामांकन दाखिल कर दिया।
अब सवाल ओर चर्चाओं का माहौल उस समय गर्म हो जाता है, जब वह उसी देवी मां के मंदिर में चुनाव में जीत का आशीर्वाद लेने जाते है, जहाँ से उन्होंने कुछ माह पहले एक परिवार को उनका आशियाना उजाड़कर बेघर कर दिया था। उस समय जरूर पीड़ित परिवार ने नितिन शर्मा व अन्य सहयोगियों को बद्दुआ दी होगी कि उनका भी कभी घर न बस पाये ओर आज भी पीड़ित परिवार ने मंदिर के बाहर खड़े होकर जरूर नितिन शर्मा की हार की प्रार्थना देवी माँ से की होगी। शहर में लगातार चर्चाएं चल रही हैं कि आखिर जिस व्यक्ति ने सिर्फ अपनी राजनीति चमकाने के लिए मंदिर के परिवार को बेघर करने का काम किया हो, आज वही व्यक्ति उस मंदिर में जीत का आशीर्वाद लेने गया। आखिर जनता ऐसे व्यक्ति पर कैसे विश्वास करे। यह चर्चाएं भी जोरों पर है कि जो व्यक्ति भाजपा का नहीं हो सका, रुड़की की जनता का क्या हो पायेगा। इस तरह के अनेक सवाल नितिन शर्मा के सामने खड़े है, जो बार-बार यही सवाल कर रहे है कि आखिर उस परिवार का क्या कसूर था जो यहां से बेघर कर दिया गया। कुल मिलाकर अब शहर की जनता निर्दलीय को वोट देने के बारे में कोई विचार नहीं करना चाहती। जिसका परिणाम निकाय चुनाव में सामने भी आ चुका है।
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