रुड़की। ( बबलू सैनी )
नगर निगम बोर्ड बैठक में नजर आए पार्षदों के दो गुटों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का प्रकरण लगातार जारी है। विगत 8 जनवरी को नगर निगम में हुई दूसरी बोर्ड बैठक में भी विपक्ष के पार्षदों ने महापौर का घेराव करते हुए उनके खिलाफ मुर्दाबाद के नारे भी लगाए थे। उसके बाद अगले ही दिन महापौर गौरव गोयल का एक ऑडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें वह 25 लाख के डील संबंधी किसी से वार्ता कर रहे थे, हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हो पाई, लेकिन आज फिर रुड़की शहर की राजनीति और नगर निगम बोर्ड की राजनीति में एक बड़ा राजनीतिक फेरबदल उस समय आ गया, जब 14 पार्षदों ने सामूहिक रूप से भाजपा जिलाध्यक्ष को त्यागपत्र भेजते हुए इस्तीफा स्वीकार करने की मांग की। उक्त पार्षदों का कहना है कि नगर निगम रुड़की में 40 पार्षदों में 29 पार्षद भाजपा के हैं, बावजूद इसके 16 पार्षद, जो कि बीजेपी के हैं, उनके विकास कार्यों के प्रस्ताव भाजपा के कुछ पार्षदों ने कांग्रेस व अन्य दलों के पार्षदों के साथ मिलकर उनके वार्डों के विकास कार्य बाधित कराते हुए बोर्ड बैठक में प्रस्ताव बहुमत के साथ पास कराये, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि चुनाव के मद्देनजर हम जनता के लिए जवाब देह होंगे, क्योंकि 2022 के विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है और आचार संहिता भी लागू है। ऐसे में यदि उनके ही दल के पार्षद उनके ही विकास कार्यों की खिलाफत में उतर जाएं तो आखिर अब वह कहां जाएं और जनता को क्या जवाब देंगे, जिस बात से खिन्न होकर उन्होंने भाजपा जिलाध्यक्ष को सामूहिक रूप से अपना त्यागपत्र सौंपा। उन्होंने कहा कि वार्ड के विकास कार्य नहीं हो रहे हैं। इसलिए वह यह कदम उठाने को बाध्य हुए। त्यागपत्र देने वालों में पार्षद पूनम, राजेश्वरी देवी, देवकी जोशी, मंजू भारती, नवनीत शर्मा, वीरेंद्र गुप्ता, सचिन चौधरी, विनीता रावत, अनूप राणा, शक्ति राणा, राजेश देवी, सपना धारीवाल, संजीव राय, अंकित चौधरी आदि पार्षद गण शामिल रहे।
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