रुड़की। रुड़की महापौर गौरव गोयल का कार्यकाल हमेशा विवादों में रहा हैं। विगत दिवस की रात्रि फिर से महापौर व पार्षदों के बीच टकराव देखने को मिला। वहीं महापौर ने पार्षदों पर मारपीट का गम्भीर आरोप लगाया, तो वहीं पार्षदों ने भी इस प्रकार की घटना न होने की बात कही।
दरअसल महापौर और पार्षदों के बीच पिछले लंबे समय से किसी बात को लेकर आपसी विवाद चल रहा हैं। निगम के पार्षद दो गुटों में बंटे हुये हैं। जहां एक गुट पार्षदों के खिलाफ हैं, तो वहीं दूसरा गुट मेयर के साथ खड़ा हैं। वहीं महापौर के खिलाफ गुट वाले पार्षदों ने महापौर पर गम्भीर आरोप लगाये। वहीं महापौर द्वारा भी टेंडरों की जांच की बाबत अधिशासी अभियंता को अपनी ओर से एक पत्र लिखा गया था। महापौर का कहना है कि निगम के कुछ अधिकारी और कर्मचारियों के कहने पर पार्षदों ने उनसे धक्का-मुक्की और मारपीट की। बीच-बचाव में आये उनके गनर की वर्दी भी फट गई। उन्होंने कहा कि वह सड़कों व अन्य कामों की जांच करवा रहे हैं। इसी कारण पार्षद और अधिकारी नाराज हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार जीरो टॉलरेंस पर चल रही हैं और भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। वहीं दूसरे पार्षद गुट ने कहा कि महापौर और अधिकारियों के बीच विवाद हुआ था और महापौर ने नगर आयुक्त से दुर्व्यवहार किया था। वहीं इस संबंध में सहायक नगर आयुक्त चन्द्रकांत भट्ट का कहना है कि मेयर और पार्षदों का आपसी मामला हैं। हमारा इससे कोई लेना-देना नहीं हैं। इस घटना के बाद सिविल लाईन पुलिस भी नगर निगम परिसर में पहंुची और गंगनहर कोतवाली पुलिस मेयर के आवास पर तैनात हैं। अब यह राजनीति आगे चलकर क्या रंग दिखायेगी, यह तो आने वाला समय ही बता पायेगा। वहीं मेयर गौरव गोयल ने कहा कि अपने उंचे रसूख के चलते सहायक नगर आयुक्त चन्द्रकांत भट्ट अपना स्थानांतरण रुकवाने के लिए हाईकोर्ट भी पहंुचे थे, वहां से फटकार के बाद निदेशायल में इन्हें अटैच किया गया था। वह बाद में सेटिंग-गेटिंग कर फिर से रुड़की आ गये। एमएनए व एसएनए की जोड़ी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और वह इनके द्वारा किये गये भ्रष्टाचार का आगामी दो-तीन दिन में ही मीडिया के सामने खुलासा करेंगे। साथ ही मेयर ने कहा कि बुधवार को 54 कार्यों के टेंडर करीब पांच करोड़ के कार्य खोले गये थे। जिनमें भारी अनियमितताएं बरतकर एमएनए व एसएनए ने अपने चहेतों को दे दिया तथा अन्य ठेकेदार हाथ मलते रह गये। साथ ही उन्होंने एमएनए, एसएनए व निर्माण बाबू पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि जितने भी निर्माण कार्य निगम क्षेत्र में चल रहे हैं, उन सभी में घटिया सामग्री लगाई जा रही हैं। इन निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच आईआईटी की टीम से कराई जा रही थी। जिससे उक्त लोग घबरा गये और विवाद खड़ा कर दिया। महापौर गौरव गोयल ने एमएनए, एसएनए, कयूम बाबू व कुछ पार्षदों से अपनी जान का खतरा बताया।
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