रुड़की।
ज्योतिष गुरुकुलम में चतुर्थ दिवस श्रीमद् भागवत कथा के शुभ अवसर पर कथा व्यास आचार्य पंडित रमेश सेमवाल ने श्री कृष्णा अवतार की कथा सुनाई। इस दौरान उन्होंने बताया कि भगवान धर्म की रक्षा के लिए धरती पर अवतार ग्रहण करते हैं और राक्षसों का नाश करते हैं। जब कंस का अत्याचार बढ़ गया और उसने देवकी-वासुदेव को बंदी बना लिया, अपने पिता को भी बंदी गृह में डाल दिया तथा धर्म के विरुद्ध कार्य करने लगा, गौ माता की पुकार भक्तों की पुकार पर भगवान ने अवतार ग्रहण किया। श्री कृष्ण अवतार में भगवान ने विभिन्न कार्य किए, जब कंस के अत्याचार ज्यादा बढ़ गए, तो भगवान ने उसका वध कर दिया। कंस के अत्याचारों को समाप्त कर दिया, अधर्म का नाश किया, भगवान ने गीता के माध्यम से अर्जुन को उपदेश दिया और अपने विश्वरूप के दर्शन कराएं और भक्ति योग, ज्ञान योग और कर्म योग का संदेश भी दिया। भगवान ने गोपियों का उद्धार भी किया। गोपिया भगवान की अटूट भक्ति करती थी, कालिया नाग का भी भगवान ने उद्धार किया। भगवान भक्तों के बस में रहते हैं, बस हमें निरंतर भगवान की भक्ति करनी चाहिए। सच्चे और अच्छे कर्म करने चाहिए। श्रीमद्भागवत महापुराण और श्रीमद्भागवत गीता हमें धर्म पर चलने का मार्ग बताती है, जो व्यक्ति धर्म पर चलता है, उसके जीवन में शांति होती है। उसका जीवन देवताओं के समान हो जाता है। इसलिए हमें निरंतर धर्म पर चलना चाहिए, भक्ति करनी चाहिए और भगवान के उपदेशों का पालन करना चाहिए। कथा में आचार्य नरेश शास्त्री, आचार्य संदीप शास्त्री, सुलक्ष्णा सेमवाल, आदिति सेमवाल, चित्रा गोयल, राधा भटनागर, रेनू शर्मा, पूजा वर्मा, गौरव वर्मा, नरेंद्र भारद्वाज, प्रदीप चौहान, विकास मित्तल, उषा सिंगल आदि मौजूद रहे।

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