देहरादून।
कोतवाली ऋषिकेश में शिकायतकर्ता शिवा पुत्र स्वर्गीय वीरेंद्र ठाकुर निवासी सुभाष नगर बनखंडी ऋषिकेश द्वारा एक प्रार्थना पत्र दिया गया कि 20 नवंबर को वह बैंक में पैसा जमा करवाने गया था, जहां अज्ञात व्यक्तियों द्वारा मुझे बातों में उलझा कर रुमाल के अंदर कागज की गड्डी थमा दी और मेरे नकद तीस हजार रूपये लेकर धोखाधड़ी कर दी है। शिकायतकर्ता की उक्त शिकायत पर कोतवाली ऋषिकेश में मुकदमा पंजीकृत कर घटना की जानकारी उच्च अधिकारीगणों को दी गई। बैंक में ठगी की इस घटना की गंभीरता के दृष्टिगत, पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून के द्वारा तत्काल टीम गठित करते हुए अभियुक्तों की गिरफ्तारी करने हेतु आदेश दिए गए। जिस पर पुलिस अधीक्षक देहात व क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश के निकट पर्यवेक्षण में महेश जोशी प्रभारी निरीक्षक ऋषिकेश एवं एसओजी देहात की संयुक्त पुलिस टीम गठित की गई। गठित पुलिस टीम द्वारा बैंक के अंदर व बाहर तथा आने जाने वाले रास्तों पर लगे लगभग 35 सीसीटीवी कैमरे का बारीकी से निरीक्षण किया गया। जेल से छूटे व ऐसे अपराधों में संलिप्त 12 पुराने संदिग्ध अभियुक्तों से पूछताछ कर जानकारी हासिल की गई।


सीसीटीवी से प्राप्त फोटो वीडियो के आधार पर मुखबिर तंत्र सक्रिय किया गया एवं कोतवाली ऋषिकेश क्षेत्र अंतर्गत जगह-जगह पर चेकिंग अभियान चलाया गया। जिस पर 23 नवंबर को मुखबिर की सूचना पर बैंक में ठगी करने वाले तीन शातिर अभियुक्तों को ठगी करने के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली कागज की 02 गड्डी व नकद ₹22,000/-, वादी का आधार कार्ड, एटीएम कार्ड व बैंक स्टेटमेंट के साथ गोपाल नगर निकट बस अड्डा के पीछे ग्राउंड के पास से गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में उक्त अभियुक्तों ने अपना नाम शिव कुमार पुत्र रनछोड़ भाई निवासी पालइया रोड, रेलवे पटरी के सामने, थाना डहग्राम जिला गांधीनगर गुजरात,
हाल निवासी- मकान मालिक छुट्टन भैया, पुलिया के पास खंजरपुर, रुड़की, सुरेंद्र कुमार पुत्र रंजीत कुमार निवासी ग्राम बगेड़ी निकट रविदास मंदिर, थाना सिविल लाइन रुड़की व सोमनाथ पुत्र हुकम सिंह निवासी ग्राम नगली मेहनाज, थाना नागल, जिला सहारनपुर, हाल निवासी मकान मालिक अनीस म.नं. 470 खंजरपुर, रुड़की बताया। पुलिस टीम ने आरोपियों में अभियुक्त शिवकुमार के कब्जे से 7,000 रुपये नकद, वादी का आधार कार्ड, रुमाल में कागज की एक गड्डी व अभियुक्त सुरेंद्र कुमार से 8,000 रुपये नगद, वादी का एटीएम कार्ड तथा रुमाल में कागज की एक गड्डी व अभियुक्त सोमनाथ से 7000 रुपये नकद, बैंक स्टेटमेंट, हौंडा साईन बाइक नंबर यूके 17-पी -5744 बरामद किये। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उक्त तीनो अभियुक्त बैंक के अंदर ऐसे व्यक्ति का चयन करते हैं, जोकि छोटा लड़का या बुजुर्ग हो। उसके बाद हम उसे लालच देते हैं कि हम कहीं से पैसा चोरी करके लाए हैं। यदि वह हमें अपने खुले हुए पैसे दे दे तो हम उसे बंधे हुए कुछ एक्स्ट्रा पैसे दे सकते हैं। कभी-कभी हम खुले पैसे लेकर बंधे हुए पैसे देने का बहाना बनाकर भी कागज की गड्डी थमा कर वहां से निकल जाते हैं। हम पहले से कागज की 2-3 गड्डी को रुमाल में बांध कर रखते हैं, और उसके ऊपर एक नोट असली वाला लगा देते हैं। जिससे सामने वाले को यकीन हो जाए कि यह पैसों की गड्डी है। यदि हमें बैंक में कोई एटीएम कार्ड, पासबुक, आधार कार्ड आदि मिलता है, तो हम उसे अपने पास रख लेते हैं। जिससे बैंक के गार्ड या पुलिस चेकिंग के दौरान स्वयं को लोकल का व्यक्ति सिद्ध कर सके और किसी को हम पर कोई शक ना हो। अभियुक्त शिवकुमार पूर्व में भी कोतवाली ऋषिकेश से इसी प्रकार की ठगी के अपराध में जेल जा चुका है। उत्तराखंड व सरहदी जनपदों से भी उपरोक्त अभियुक्तो के अपराधिक इतिहास की जानकारी की जा रही है।
जिसके बाद तीनों अभियुक्तों को न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। पुलिस टीम कोतवाली ऋषिकेश के प्रभारी निरीक्षक महेश जोशी, डीपी काला वरिष्ठ उप निरीक्षक, उप निरीक्षक अरुण त्यागी, कांस्टेबल सचिन सैनी, कांस्टेबल संदीप छाबड़ी, अनित कुमार, कांस्टेबल लाखन सिंह व एसओज देहात टीम के प्रभारी ओमकांत भूषण, कांस्टेबल कमल जोशी, नवनीत नेगी, सोनी कुमार शामिल रहे।

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