कलियर।
हज़रत मख़्दूम साबिर पाक के 753वे उर्स के सिलसिले की आखरी महफ़िल गत रात्रि 17वीं की महफ़िल बारिश के बावजूद महफ़िल खाने में रिवायत के मुताबिक़ सम्पन्न हुई। शाह नन्हे मियाँ के सुपुत्र शाह ख़ालिक़ अंज़ार साबरी कुद्दुसी की सरपरस्ती में अनेक सज्जादगान, सूफियों, कव्वालों और अकीदतमन्दों ने शिरकत की दरगाह मस्जिद के नायब इमाम हाफिज सऊद साबरी ने नियाज़, फ़ातिहा और दुआ कराई। अंतरराष्ट्रीय शायर और उर्स कार्यक्रम आयोजन कमेटी के संयोजक अफ़ज़ल मंगलोरी ने महफ़िल का आगाज़ करते हुए बताया कि सतरवी की ये महफ़िल हज़रत साबिर पाक के वालिद हज़रत अब्दुल रहीम अब्दुल सलाम की याद में वर्षों से आयोजित होती आ रही है। इस महफ़िल को शाह नन्हे मियां और बुलबुले हिन्द हबीब पेंटर क़व्वाल ने उर्स की तक़रीब के तौर पर विकसित किया। महफ़िल में अलीगढ़ की खानकाहे फैजाने वाहिद के गद्दी नशीन सयैद फरीद मियाँ साबरी, हरिद्वार के जिला पंचायत उपाध्यक्ष राव आफाक, राव कुरबान अली, बदायूँ के सुहेल फरशुरी, अमृतसर के अनमोल साबरी, शाह सुहेल मियां साबरी, शायर अफ़ज़ल मंगलोरी, दरगाह सुपरवाइज़र राव सिकन्दर, नवमी मियां साबरी, अज्जू साबरी, रियाज़ क़ुरैशी, शादाब क़ुरैशी, शफ़ीक़ साबरी, आदि ने शिरकत की। कार्यक्रम का संयुक्त संचालन एडवोकेट नईम साबरी व सूफी राशिद ने किया। महफिले क़व्वाली में हबीब पेंटर के पौत्र ग़ुलाम फरीद, दरगाह के पगड़ी बंद क़व्वाल धम्मन साबरी, दिल्ली के असलम बज़्मी, शान आलम, अनीस साबरी, ग़ुलाम हुसैन साबरी, तनवीर सलीम साबरी, आफताब साबरी, शुजात अज़ीम साबरी देवबन्दी, रईस जलालाबादी, सलमान इमरान, फ़िरोज़ साबरी, तस्लीम साबरी आदि ने नात, मनकबत और सलाम पेश कर श्रोताओं का मन मोह लिया। अंत में ज़ीनत बज़्म शाह ख़ालिक़ अंज़ार साबरी कुद्दुसी ने दुआ कराई।
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