रुड़की। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ मिलकर विश्व अंतरिक्ष सप्ताह 2021 के उपलक्ष्य में एक आॅनलाइन व्याख्यान श्रृंखला शुरू की। यह लगातार चैथा वर्ष है, जिसे संस्थान मना रहा है। इस सप्ताह 4 अक्टूबर से 10 अक्टूबर तक विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष के क्षेत्र में हजारों लोगों की उपलब्धियों और योगदान का सम्मान करते हुए इस वर्ष डब्ल्यूएसडब्ल्यू का विषय ‘अंतरिक्ष में महिला’ है। इसे मनाने के लिए संस्थान 6 अक्टूबर से 9 अक्टूबर तक व्याख्यानों की एक श्रृंखला आयोजित कर रहा है। इन्हें डाॅ. गीता एस कार्यक्रम निदेशक अंतरिक्ष परिवहन प्रणाली (एसटीएस), विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) सहित प्रख्यात महिला वैज्ञानिकों द्वारा दिया जाएगा। तिरुवनंतपुरमय श्रीमती अथुला देवी, उप निदेशक, वीएसएससी, तिरुवनंतपुरमय श्रीमती निगार शाजी, परियोजना निदेशक, आदित्य-एल-1 मिशन, यूआर राव सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी), बेंगलुरुय श्रीमती श्रीलता पी., प्रमुख, एचआरडीडी, वीएसएससी, तिरुवनंतपुरम। सत्र छात्रों को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, एयरोस्पेस सिस्टम और भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रमों के कामकाज पर रणनीतिक अंतर्दृष्टि प्रदान करेंगे। कार्यक्रम का उद्घाटन प्रो. अजीत के चतुर्वेदी ने किया। इस अवसर पर, आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. अजीत के चतुर्वेदी ने हर्ष जताते हुए कहा कि विश्व अंतरिक्ष सप्ताह का उत्सव अब आईआईटी रुड़की में एक वार्षिक कार्यक्रम बन गया है। उन्होंने भरोसा जताया कि यह आईआईटी रुड़की और इसरो के बीच सहयोग को बढ़ावा देने में हमारे अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी सेल की मदद करेगा। ‘इंडियन स्पेस प्रोग्राम- ए सक्सेस स्टोरी’ शीर्षक वाली श्रृंखला का पहला सत्र डाॅ. गीता एस द्वारा दिया जाएगा, जो दर्शकों को विभिन्न सामग्रियों के उपयोग के औचित्य और अंतरिक्ष कार्यक्रमों से संबंधित उनकी भूमिका के बारे में बताएंगे। दूसरे वेबिनार का शीर्षक ‘क्वालिटी एंड रिलायबिलिटी आॅफ एयरोस्पेस सिस्टम्स’ है, जिसकी अध्यक्षता श्रीमती अथुला देवी करेंगी। वार्ता भारत के शीर्ष अंतरिक्ष संगठन- इसरो पर दिलचस्प तथ्यों और आंकड़ों पर प्रकाश डालेगी।

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