रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) आनन्द स्वरुप आर्य सरस्वती विद्या मन्दिर, रुड़की में 79वाँ स्वतन्त्रता दिवस समारोह सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ अत्यन्त हर्षोल्लास एवं उत्साह के साथ मनाया गया। स्वतन्त्रता दिवस समारोह के मुख्य अतिथि डोमेश्वर साहू (क्षेत्रीय संगठन मंत्री प0उ0प्र0 क्षेत्र), ललित शंकर (सह-विभाग प्रचारक), विनोद रावत (सह-प्रदेश निरीक्षक, शिशु शिक्षा समिति उत्तराखण्ड़), हेमन्त शर्मा (आईआईटी स्पोर्टस आॅफिसर), ब्रह्मचारिणी सुदिति चैतन्य, विद्यालय के पूर्व छात्र डाॅ. मयंक गिरी, रामेश्वर प्रसाद कुलश्रेष्ठ (उपाध्यक्ष), डाॅ. रजत अग्रवाल (प्रबंधक), सतीश शर्मा(कोषाध्यक्ष), अमरदीप सिंह (प्रधानाचार्य) ने सर्वप्रथम ध्वजारोहण एवं मां सरस्वती के समक्ष द्वीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया, तत्पश्चात विद्यालय के एनसीसी कैडेटों द्वारा मार्च पास्ट कर अतिथियों का स्वागत किया गया। विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रमों को अतिथियों ने जमकर सराहा। सरस्वती वंदना, शहीदो की वीर गाथा पर आधारित लघु नाटिका, का मंचन एवं कृष्ण जन्माष्टमी नृत्य नाटिका भारत माता, देश भक्ति गीत अदि कार्यक्रमों की आकर्षक प्रस्तुति ने भाव विभोर कर दिया।
अतिथि परिचय एवं स्वागत मनोज कुमार द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन श्रेष्ठा पुंडीर, ख्याति भारद्वाज एवं उन्नति द्वारा संयुक्त रुप से किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डोमेश्वर साहू ने सभी देशवासियों को एकजुट होने का आहवान किया। स्वतन्त्रता सेनानियों के बलिदान, स्वतन्त्रता का महत्व तथा आधुनिक भारत के निर्माण में नागरिकों तथा छात्रों के योगदान के महत्व को बताते हुए कहा कि एकता, अखण्डता, सजगता, जागरुकता और देशभक्ति की भावना के साथ हमें अपने देश को सर्वोच्च शिखर पर ले जाना है। इस हेतु चारित्रिक, सांस्कृतिक, बौद्धिक एवं संस्कारिक शिक्षा का छात्रों तक पहुँचना अत्यन्त आवश्यक है। उपाध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद कुलश्रेष्ठ ने कहा कि दुनियाँ में भारतीय ज्ञान-विज्ञान का विशेष योगदान रहा है। युवा शक्ति युवा भारत के निर्माण में अपना योगदान देकर राष्ट्र को नये शिखर पर ले जाकर नित नये कीर्तिमान रच सकती है। इसके लिए जरुरी है कि हम अपने ऐतिहासिक गौरव, ऐतिहासिक उपलब्धियां, महापुरुषों वैज्ञानिकों, ज्ञान विज्ञान और संस्कार को जाने और उनसे प्रेरणा लेकर राष्ट्रनिर्माण में अपनी अहम भूमिका निभाए। प्रबंधक डाॅ. रजत अग्रवाल ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि छात्रों को स्वतन्त्रता सेनानियों के बलिदान, स्वतन्त्रता का महत्व तथा देश को स्वतंत्रा कराने के लिए जिन सपूतो ने बलिदान दिया, उन्हें याद करने का यह दिन है। 79वां स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर उप-प्रधानाचार्य मोहन सिंह मटियानी, जसवीर सिंह पुंडीर, शमां अग्रवाल, आनन्द कुमार एवं समस्त शिक्षक-शिक्षिकायें तथा अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।