रुड़की। ( बबलू सैनी ) इंडियन सोसाइटी ऑफ लेबर इकोनोमिक्स द्वारा 11 अप्रैल को को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेकनोलॉजी रुड़की (आईआईटी रुड़की) में इंडियन सोसाइट ऑफ लेबर इकोनोमिक्स का आयोजन किया गया। पूर्व आईएलओ अधिकारी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विख्यात प्रोफेसर कृष्णामूर्ति ने भारतीय श्रम अध्ययनां के बारे में चर्चा की, जो श्रम एवं रोजगार संबंधी मुद्दों में सक्रिय रहे हैं और उनमें योगदान देते रहें हैं। देश और दुनिया भर से तकरीबन 500 प्रतिनिधि सम्मेलन में भौतिक रुप से हिस्सा ले रहे हैं, इनमें जाने-माने स्कॉलर्स, नीति निर्माता, व्यापार संघों के प्रतिनिधि और अन्य पेशेवर शामिल हैं। तीन दिनों के दौरान 37 तकनीकी सत्रों में सम्मेलन के 3 विषयों पर लगभग 250 पेपर प्रेजेंटेशन दिए जाएंगे, 8 पैनल चर्चाओं में लेबर इकोनोमिक्स के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। ये पैनल चर्चाएं क्षेत्र में सरकारों के द्वारा नीति निर्माण में महत्वपूर्ण साबित होंगी। सम्मेलन के दौरान प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी निदेशक आईआईटी रुड़की, उत्तराखण्ड दीपक नायर प्रेजीडेन्ट इंडियन सोसाइटी ऑफ लेबर इकोनोमिक्स एवं पूर्व वाईस-चांसलर, दिल्ली युनिवर्सिटी, अलख एन. शर्मा, प्रेजीडेन्ट 62वें आईएसएलई कॉन्फ्रैन्स एडीटर, इंडियन जर्नल ऑफ लेबर इकोनोमिक्स, प्रोफेसर एवं डायरेक्टर, इंस्टीट्यूट ऑफ ह्युमन डेवलपमेन्टय जे. कृष्णामूर्ति, पूर्व प्रोफेसर, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स एवं पूर्व वरिष्ठ अर्थशास्त्री, आईएलओ एस.पी. सिंह और फाल्गुनी पटनायक, प्रोफेसर, ह्यमेनिटीज एवं सोशल साइन्स विभाग, आईआईटी रुड़की उत्तराखण्ड और आयोजक सचिव और एसोसिएट ओर्गेनाइजिंग सचिव, 62वां आईएसएलई सम्मेलनय अमित बसोले, हैड, सेंटर फॉर सस्टेनेबल एम्प्लॉयमेन्ट, अजीम प्रेमजी युनिवर्सिटी, बैंगलोर दिलिप रथ, हैड केएनओएमएडी और लीड इकोनोमिस्ट, माइग्रेशन एण्ड रेमिटेन्सेज सोशल प्रोटेक्शन एण्ड जॉब्स ग्लोबल प्रेक्टिस, विश्व बैंक, शहारा रजवी, डायरेक्टर, सामाजिक सुरक्षा विभाग, इंटरनेशनल लेबर ओर्गेनाइजेशन, जेनेवा मेहे पुदुमजी, चेयरपर्सन, थर्मेक्स लिमिटेड, पुणे अभिजीत सेन, पूर्व सदस्य, योजना आयोग, भारत सरकार कमला संकरन, प्रोफेसर, लॉ फैकल्टी, दिल्ली युनिवर्सिटी इंडिया हरवे, डायरेक्टर और प्रोफेसर ऑफ इकोनोमिक्स सेंटर फॉर डेवलमेन्ट ऑल्टरनेटिव्स, अहमदाबाद, के.पी. कन्नन, फैलो एवं पूर्व निदेशक, सेंटर फॉर डेवपलमेन्ट स्टडीज, त्रिवेन्द्रमय मरीको आउची, सीनियर टेकनिकल स्पेशलिस्ट ऑन सोशल प्रोटेक्शन डीसेंट वर्क टेकनिकल टीम, आईएलओ, साउथ एशियाय जीमोल उन्नी, प्रोफेसर, अहमदाबाद युनविर्सिटी, अहमदाबाद टी सुंदररमन, एडजंक्ट प्रोफेसर, जेआईपीएमईआर, इंटरनेशनल स्कूल ऑपफ पब्लिक हेल्थ, पॉन्डिचैरी दीपक कुमार सिंह, आईएएस, अपर मुख्य सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन के इंचार्ज, बिहार सरकार संतोष मेहरोत्रा, विजिटिंग प्रोफेसर, सेंटर फॉर डेवलपमेन्ट, बाथ युनिवर्सिटी, यूके और डगमर वॉल्टर, डायरेक्टर, आईएलओ, डीसेन्ट वर्क टेकनिकल टीम सपोर्ट टीम, साउथ एशिया और कंट्री ऑफिस भारत ने अपने विचार प्रस्तुत किए। प्रो. अजीत के चतुर्वेदी निदेशक आईआईटी रुड़की ने हर्ष व्यक्त करते हुए आईआईटी रुड़की को सालाना लेबर इकोनोमिक्स सम्मेलन का आयोजन करने पर खुशी जताई और कह कि सम्मेलन के दौरान महामारी के बाद के दौरान श्रमिकों के रोजगार, माइग्रेशन, विकास और उनके हितों की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा की जाएगी। प्रो. अलख एन. शर्मा, प्रेजीडेन्ट 62वें आईएसएलई सम्मेलन ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि युवाओं के बेरोजगारी की समस्या भारत में बड़ी चुनौती है, खासतौर पर अगर पढ़े लिखे युवाओं को नौकरी न मिले। समय के साथ यह समस्या लगातार बढ़ रही है और वर्तमान में यह आंकड़ा 25 फीसदी है। अगर भारत को 2030 तक सभी को रोजगार देने के एसडीजी लक्ष्यों को पूरा करना है तो आने वाले सालों में इस मुद्दे को हल करना बहुत जरूरी है। सोसाइटी के प्रेजीडेन्ट प्रोफेसर दीपक नायर ने कहा कि इंडियन सोसाइटी ऑफ लेबल इकोनोमिक्स, श्रम, रोजगार एवं विकास के क्षेत्र में सक्रिय अकादमिकज्ञों, शोधकर्ताओं और अन्य हितधारकों का पेशेवर संगठन है। सोसाइटी की स्थापना 1957 में वैज्ञानिक अध्ययन को बढ़ावा देने तथा श्रम बाजार, रोजगार संबंधी विषयों पर जानकारी के प्रसार के लिए की गई।