रुड़की।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट महक सिंह सैनी ने आज तीरथ सरकार के 100 दिनों के कार्यकाल पर जमकर आरोप लगाए। उन्होंने ब्यान जारी कर कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का अब तक का कार्यकाल असफल रहा हैं। 10 मार्च को उत्तराखंड विधानसभा के बजट सत्र के बीच में त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाकर भाजपा ने जब तीरथ सिंह रावत को नया मुख्यमंत्री घोषित किया, तो हर कोई हैरान था कि आखिर स्थायी सरकार का वादा करने के बाद भाजपा ने नेतृत्व परिवर्तन क्यों किया।
लेकिन बीजेपी ने नेतृत्व परिवर्तन को राज्य हित में बताया, लेकिन आज तीरथ सरकार के कार्यकाल में विकास के मुद्दों पर राज्य और भी पीछे चला गया। चाहे कोरोना के खिलाफ लड़ाई हो, अस्पतालों को बेहतर बनाने की बात हो, रोजगार का मुद्दा हो, महंगाई हो, बिजली-पानी हो, विकास के काम हों, हर मोर्चे पर तीरथ सरकार अपने इस कार्यकाल में बुरी तरह फेल साबित हुई है।
महक सिंह सैनी ने तीरथ सिंह रावत के अभी तक के कार्यकाल को बेकार करार दिया। उन्होंने पिछले 100 दिनों के लेखा-जोखा प्रदेशवासियों के सामने रखा, जिससे तीरथ सरकार की नाकामी साफतौर पर झलकती है। 10 मार्च को तीरथ सिंह रावत ने शपथ लेते कहा था कि वो प्रदेश की जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करेंगे। लेकिन आज 100 दिन बाद भी वो प्रदेश की जनता का विश्वास नहीं जीत पाए। प्रदेश में कहीं भी नेतृत्व परिवर्तन का असर दिखाई नहीं दे रहा है बल्कि जो अराजकता और नाकामी त्रिवेंद्र राज में मौजूद थी, तीरथ राज में वो कई गुना ज्यादा बढ़ गई है। अस्पतालों की जो बदहाली त्रिवेंद्र राज में थी, तीरथ राज में वो और भी ज्यादा बढ़ गई है। जो निराशा त्रिवेंद्र राज में थी, तीरथ राज में वो और भी बढ़ गई है। बात चाहे भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े फैसले लेने की हो, रोजगार को लेकर उम्मीद जगाने की हो, विकास की दृष्टि दिखाने की हो, हर मोर्चे पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इन 100 दिनों में प्रदेशवासियों को निराश किया है। कोरोना काल में सरकार पूरी तरह फेल साबित हुई। हरिद्वार में बड़े स्तर पर कुंभ में एंटीजन टेस्ट घोटाला हुआ, केंद्र से राज्यवासियों को वैक्सीन दिलाने में नाकाम साबित हुए, 50 लाख युवाओं की जान से खिलवाड़, जिनको लंबे समय तक टीकाकरण नहीं उपलब्ध करा पाए, तीसरी लहर के मद्देनजर सरकार अभी तक कोई रोडमैप तैयार नहीं कर पाई। वेंटिलेटर, ऑक्सीजन और डॉक्टरों की कमी के चलते कोरोना की दूसरी लहर में कई लोगों ने जान गवाईं। जिसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से तीरथ सरकार की है। इसके अलावा बेरोजगार सड़कों पर रोजगार के लिए प्रदर्शन करते रहे। उनके कार्यकाल में बेरोजगारी दर 6 गुना बढ़ गई। तीरथ कार्यकाल में महंगाई दर पूरे भारत में सबसे ज्यादा, लोग महंगाई से परेशान हैं लेकिन तीरथ सरकार की कानों में जूं तक नहीं रेंगी। यही नहीं बिजली के दामों में बढ़ोतरी हुई, देवस्थानम बोर्ड पर तीर्थ पुरोहित आंदोलन कर रहे, सरकार कोई फैसला नहीं ले पाई, केंद्र से न वैक्सीन ला पाए और केंद्र के बजट में भी कटौती इनके कार्यकाल में हुई। आप प्रवक्ता ने कहा कि तीरथ सरकार की असफलता की लंबी चौड़ी लिस्ट है, जो पिछले 100 दिनों में डबल इंजन की सरकार की पूरी तरह असफलता को बताती है। इसके अलावा भौगौलिक और आपदा से जूझते प्रदेश को इनके कार्यकाल में केंद्र से एयर एंबुलेंस लाने में नाकामी मिली। सैन्यधाम का सपना अभी भी अधूरा है। महक सिंह सैनी ने कहा कि पहले चार साल तक भाजपा ने प्रदेश की जनता पर त्रिवेंद्र सिंह रावत के रुप में एक ‘जीरो वर्क’ सीएम को थोपा और उनकी विदाई के बाद ‘जीरो विजन’ वाले तीरथ सिंह रावत को कमान दे दी। इन 100 दिनों में ही तीरथ सिंह रावत ने त्रिवेंद्र राज के नाकामी के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। तीरथ सरकार की नाकामी पर कल, आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता सभी 70 विधानसभाओं में विरोध प्रदर्शन करेंगे और तीरथ सरकार की 100 दिनों की नाकामी को पूरे प्रदेश में जनता तक पहुंचाएंगे।