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भारत-तिब्बत सहयोग मंच द्वारा आयोजत “तवांग तीर्थ यात्रा” सकुशल सम्पन्न, प्रदेश मंत्री वैद्य टेक वल्लभ ने साझा किए अनुभव

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रुड़की। ( आयुष गुप्ता )
भारत-तिब्बत सहयोग मंच के प्रदेश मंत्री वैद्य टेक वल्लभ ने जानकारी देते हुए बताया कि भारत तिब्बत सहयोग मंच द्वारा आयोजित “तवांग तीर्थ यात्रा” गुवाहाटी से चलकर वापस गुवाहाटी में सकुशल लौटी। इस यात्रा में पूरे देशभर से लगभग 300 लोगों ने भाग लिया। यात्रा को भारत तिब्बत सहयोग मंच के राष्ट्रीय प्रणेता व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय प्रचारक डॉक्टर इंद्रेश कुमार, महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरी व मंच के राष्ट्रीय महामंत्री पंकज गोयल द्वारा ध्वज दिखाकर रवाना किया गया। यात्रा गुवाहाटी से बोमडेला विश्राम लेकर तवांग पहुंची। तवांग यात्रियों का गुवाहाटी में स्थानीय कार्यकर्ताओं द्वारा तथा रास्ते में विधायक परमानंद द्वारा नारायण मंदिर में, विधायक दूरजी बुर्जी खर्मा द्वारा नर्गुम नदी समेत कई अन्य स्थानों पर गमछा पुष्प व तिलक कर स्वागत/सम्मान व सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। काला वंगपो हाल तवांग में आयोजित कार्यक्रम में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेगो खांग द्वारा उनका जोरदार स्वागत किया गया। अपने संबोधन में उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि अरुणाचल प्रदेश में मोदी जी के नेतृत्व में बहुत विकास हुआ है। सड़कों का जाल बिछा और अब हवाई अड्डे का शिलान्यास हो चुका है। देश की सुरक्षा पर पूरी नजर रखे हुए हैं। अगली यात्रा पर अरुणाचल प्रदेश और भी विकसित देखने को मिलेगा। इस यात्रा में भगवान गौतम बुद्ध के दर्शनीय स्थलों मॉनेस्ट्रीज के दर्शनों के साथ-साथ उत्तराखंड के जवान जसवंत सिंह रावत के चीन सीमा पर अद्भुत वीरता के साथ चीन के सैनिकों को 1962 के युद्ध में नाक के चने चबवाने वाले और उनके 300 से अधिक सैनिक मार गिराने के बाद वीरगति को प्राप्त होने पर भारतीय सेना द्वारा उनके सम्मान में बनाए गए स्मारक और साथ ही उनकी मदद करने वाली भोजन देने वाली ग्रामीण महिला सेला और नूरा का स्मारक भी देखने को मिला। इसके साथ ही बूमला बॉर्डर पर बर्फ में माइनस 25 डिग्री तापमान में भारत की रक्षा में ड्यूटी में तैनात जवानों से मुलाकात हुई। तवांग के मुख्य बाजार में चीन के विरुद्ध प्रदर्शन पद यात्रा की गई, जिसमें सभी यात्रियों ने बढ़-चढ़कर नारे लगाए और चीन को यह संदेश दिया कि भारत अब पहले का भारत नहीं है। नया सशक्त भारत है, इसलिए वह भारत की कब्जाई हुई जमीन छोड़ दे और तिब्बत को आजाद करें कैलाश मानसरोवर को मुक्त करें। इसके साथ ही छठे दलाई लामा के जन्म स्थान स्मारक व नानक लामा में गुरु नानक देव की तीसरी उदासी के दर्शन हुए। भारत तिब्बत सहयोग मंच के प्रदेश मंत्री टेक बल्लभ ने आगे बताया कि कुल मिलाकर यह यात्रा अन्य सभी यात्राओं से एकदम पृथक अद्भुत अलौकिक सुंदर आनंद व प्रेरणा दायक देशभक्ति की भावना जागृत करने वाली सिद्ध हुई। आगामी यात्रा के लिए मैं सभी से प्रार्थना करता हूं कि एक बार इस यात्रा में अवश्य शामिल हो, परम सुख की प्राप्ति होगी।

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